अध्याय २३
बीहड़ और पहाड़ी इलाके वाली गुफा के एक और क्वार्टर में झिनतुन को बंद कर दिया गया था. उसके चेहरे और पूरे शरीर की भाषा चिल्लाकर कह रही थी कि वह गंभीर रूप से दर्द में है. उसने उसकी दोनों हथेलियों से अपनी जाँघों, कमर और पेट को सहलाया. ऐसा लगता था कि एकांत के पिछले पंद्रह दिनों में उसका वजन बहुत कम हो गया था. जब वह अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में जानने-टटोलने की कोशिश कर रहा था, उसे अचानक एक परिचित आवाज़ सुनाई दी. यह एक महिला की आवाज थी. "हाय प्रेमी, तुम कैसे हो?" आवाज ने पूछा. संदेश को समझने में उसे काफी समय लगा. ऐसा लगा जैसे उसकी मस्तिष्कीय शक्ति सुस्त पड़ गई हो. अंत में वह उस महिला को पहचान सका जिसने उसे अभी-अभी प्यार से सम्बोधित किया था. उसने कहा, "मेरी डार्लिंग सेक्रेटरी!” "झिनतुन, सर, मैंने आपसे पूछा कि आप कैसे हैं?" "नहीं. मुझे फिर से 'सर' मत कहो. डार्लिंग कहो न.” झिनतुन उसे याद दिलाना भूला नहीं. “ओके, डार्लिंग. अब खुश? क्या यह अब ठीक है? तो जनाब, आप कैसे हैं?” “मैं बिल्कुल भी ठीक नहीं हूँ. मेरी ...