अध्याय ६


चिनहट बर्थ ग्रह के पश्चिमी गोलार्ध में दषस्थान नामक देश का पड़ोसी देश है. दोनों देश सदियों से गरीबी में झूझ रहे थे. लेकिन अब पिछले एक दशक से इन देशों के हालात सुधरते जा रहे थे.

दोनों देशों ने समाजवादी आदर्शवाद का पालन किया. दषस्थान ने छद्म लोकतंत्र का सहारा लेकर और चिनहट ने एक पार्टी के शासन की आड़ में समाजवाद का अनुसरण किया. चिनहट में एक तरह की सामूहिक तानाशाही थी जहाँ कुछ गिने-चुने लोगों का गिरोह अपनी मनमानी से देश को चलाता था.

इस समाजवादी आदर्शवाद ने दषस्थान और चिनहट में लगभग १% आबादी को अत्यंत धनवान बनाया. बाकी ९९% केवल मामूली रूप से बेहतर थे और इनमे से कई तो पहले की तुलना में गरीब हो गए थे. जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के आँकड़े अक्सर एक गलत तरीके से लोगों की आर्थिक तस्वीर को चित्रित करते थे जैसे कि हर कोई बहुत ही खुशहाली का जीवन जी रहा हो. अधिकांश देशों के लिए यही कहानी लागू होती थी. यहाँ तक कि जिन देशों में पूंजीवाद या राजतंत्र प्रचलित था, वहाँ की कहानी भी इससे अलग नहीं थी.

चिनहट के प्रधान मंत्री झिनतुन १% क्लब से वास्ता रखते थे. वह इस वक्त दषस्थान की आधिकारिक यात्रा पर थे और दषस्थान के प्रधान मंत्री लोभीलाल के साथ एक निजी मीटिंग में व्यस्त थे.

सम्मेलन कक्ष ऐसी ध्वनि सुरक्षा के साथ लैस था जिसे आपने कभी देखा होगा और न सुना होगा.

"लोभीलाल महाशय, जब तक तुम मुझे अपनी कंपनी पूरे दिल से नहीं देते, मैं इस बैठक को जारी नहीं रख सकता," झिनतुन ने अपनी व्हिस्की की दो चुस्कियाँ लेते हुए कहा.

"मैं आपके साथ पूरी तरह से हूँ, झिनतुन सर,” लोभीलाल ने आश्वासन दिया.

"नहीं. तुम नहीं हो मेरे साथ. तुम व्हिस्की नहीं पी रहे हो. तुम घास-फूस जैसे फलों के रस का एक गिलास अपने हाथ में पकड़े हुए हो. यह कोई कंपनी नहीं हुई.”

“हमारे देश में शराब पीने को एक बुराई माना जाता है. अगर लोग मुझे शराब पीते हुए देखेंगे तो मेरा राजनीतिक कॅरियर बर्बाद हो जाएगा. लेकिन अभी आपको सच बताऊँ? सच तो यह है कि मैं व्हिस्की, ब्रांडी और जूस का कॉकटेल पी रहा हूँ और यह आपके ड्रिंक से ज्यादा असरदार है. फिर भी हमारी जनता का मानना ​​है कि मैं एक टीटोटलर हूँ. एकदम शुद्ध आदमी.”

"तुम वाकई में स्मार्ट हो. अब मुझे पता चला कि मैं एक अनुभवी और पहुँचे हुए राजनेता के साथ काम कर रहा हूँ.”

"तारीफों के लिए धन्वाद. वे कहते हैं न कि प्यार, राजनीति और युद्ध में सब कुछ उचित है. मैं इसी महत्वपूर्ण सिद्धांत का पूर्ण रूप से पालन कर रहा हूँ. क्या अब हम अपनी बैठक को आगे बढ़ा सकते हैं?” लोभीलाल ने सुझाव दिया.

"पहले और सबसे पहले मैं आगे क्या कहने जा रहा हूँ उससे चौंकना मत. मुझे घुमा-फिराकर बातें बनाने की आदत नहीं है. ईमानदारी ही मेरी सबसे अच्छी नीति है. तो मैं तुम्हे अपफ्रंट सीधे-सीधे बताता हूँ. मैंने तुम्हारे देश पर जल्द ही आक्रमण करने का फैसला कर लिया है.”

इससे पहले कि वह एक और शब्द बोल पाता, लोभीलाल ने यह कहकर उसे टोक दिया, “सर, मैं अभी नशे में नहीं हूँ. मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता. आपकी सेना के द्वारा हमारी सरहद में हर आये दिन घुसपैठ करने की कार्यवाही से पहले से ही मैं बहुत परेशान हूँ. लेकिन सीमा चौकी पर हमारे सैनिक आपसे बहुत बेहतर हैं. जैसे ही आपकी सेना हमारे देश की जमीन के टुकड़े पर कब्जा करने की कोशिश करती है, हमारे सैनिक आपकी सेना को खदेड़ कर पीछे हटा देते हैं.”

इस पर झिनतुन ने दृढ़ता से कहा, “ठीक है, किन्तु वह भूमि तुम्हारे देश की है ही नहीं है. हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि वह जमीन हमारी है. तुम्हारे देश ने इसे गलत तरीके से हथिया लिया है और अब हम इसे वापस लेना चाहते हैं. अब युद्ध ही इसके भाग्य का फैसला करेगा. लेकिन मैं इस बात से सहमत हूँ कि तुम्हारी सेना निश्चित रूप से हमारी सेना से श्रेष्ठ है, शायद दुनिया की सबसे मजबूत सेना! लेकिन मेरा प्रस्ताव कुछ ऐसा है कि मैं युद्ध में तुम्हारी सेना की भागीदारी या कहो कि उसके पराक्रम को कमजोर कर दूँ.”

लोभीलाल ने विरोध जताते हुए कहा, "नहीं. इस समय युद्ध मुझे स्वीकार है ही नही. इसका सवाल ही नहीं उठता. आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते. मैं एक और युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं हूँ जब हम पहले से ही अपनी दूसरी सीमा पर एक युद्ध में लगे हुए हैं. आप इस बात से अवगत होंगे कि हमारी पूरी सेना पहले से ही हमारी अन्य सीमा पर एक कठिन युद्ध लड़ने में व्यस्त है. आप जानते ही हैं कि उस तरफ हमारा दुश्मन कौन है. हाँ, पाशान. उस देश पाशान और उसके प्रधान मंत्री हयान को बिगलैंड और उसके राष्ट्रपति गुशनेल का समर्थन प्राप्त है. फिर भी हम पाशान को युद्ध जीतने नहीं देंगे. हमारे लोग इसके बारे में अत्यधिक भावुक हैं. मैं अपनी नौकरी खो दूंगा और मेरा राजनीतिक कॅरियर बर्बाद हो जाएगा यदि मैंने उस देश को युद्ध जीतने दिया. उस देश के खिलाफ युद्ध जीतना मेरे देशवासियों के लिए गर्व की बात है, हमारे लिए जीवन और मृत्यु का मामला है. अब यदि आप मुझे आपकी ओर से भी युद्ध की धमकी देते हैं, तो मैं अपने सशस्त्र कर्मियों को आपकी सीमा पर एक और युद्ध लड़ने के लिए भेजने की स्थिति में नहीं हूँ.”

झिनतुन ने लोभीलाल को काफी धैर्य से सुना. फिर उसने कहा, "मेरी खुफिया एजेंसियाँ ​​मुझे बताती हैं कि जिस सीमा क्षेत्र को हम अपने क्षेत्र में शामिल करना चाहते हैं, वह तुम्हारे लोगों में किसी भी सकारात्मक भावनाओं को पैदा नहीं करता है. भूमि बंजर है, उपजाऊ नहीं है. इस क्षेत्र में पानी की कमी है. कोई आर्थिक विकास नहीं, कोई नौकरी नहीं. इसलिए, सामान्य रूप से इसके प्रति तुम्हारी जनता में उदासीनता है. मुझे इस पर पूरा यकीन है.”

"मैं भी आपके आकलन से सहमत हूँ," लोभीलाल ने कहा.

झिनतुन ने कहा, "इसके अलावा, मैं तुम्हारी पूरी सेना की तैनाती दूसरी सीमा पर जारी रखने की मजबूरी और आवश्यकता के बारे में जानता हूँ. तुम्हारे देश के लोग और संसद के विपक्षी नेता भी इस दृष्टिकोण से सहमत हैं. और इसलिए यदि हमारी सीमा पर युद्ध में तुम भूमि के एक टुकड़े को खो भी दो तो वे तुम्हे माफ़ कर देंगे. वैसे भी जिस जमीन को हम हड़पना चाहते हैं, उसमे तुम्हारे लोगों और राजनेताओं को कोई दिलचस्पी नहीं है. इसीलिये मैं यह सुन्दर प्रस्ताव तुम्हारे सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ."

झिनतुन ने फिर से बोलने से पहले एक लंबे समय के लिए विराम दिया.

उसने कहा, "देखो, मैं अब तुम्हारे सामने बहुत ही विनम्र तरीके से अपना प्रस्ताव रख रहा हूँ. मैं सिर्फ विनम्रता से कह रहा हूँ कि मैं इस सीमा क्षेत्र से तुम्हारे देश पर आक्रमण करूंगा, जबकि तुम्हारी सेना दूसरे युद्ध में व्यस्त है. तुम मेरी प्रतिष्ठा के बारे में जानते हो. मैं सामान्य प्रस्ताव बनाने वालों में से नहीं हूँ.”

लोभीलाल ने झिनतुन की बात बड़े ध्यान से सुनी. लेकिन वह झिनतुन के प्रस्ताव को पूरी तरह से समझने में सक्षम नहीं था. उसे काफी उलझन महसूस हुई.

इसलिए लोभीलाल ने अपने असरदार कॉकटेल का एक बड़ा घूँट लिया. वह घबरा गया था. उसने कहा, “हाँ, मैं आपकी प्रतिष्ठा से अवगत हूँ. आखिरकार आप हमारे समय के चतुर राजनीतिज्ञ साबित हुए हैं. आपको सच बताऊँ, वास्तव में आप मेरे असली गुरु हैं. इसलिए मुझे पता है कि आप इसमें कुछ गहरे अर्थ के बिना प्रस्ताव नहीं कर सकते. मैं आपके प्रस्ताव को सुनने के लिए तैयार हूँ लेकिन मैं अभी कुछ भी तय नहीं कर सकता. तो मुझे बताइये कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है?”

“मेरे पास तुम्हारे लिए सही में कुछ भव्य योजनाएँ हैं. तुम इसके मुख्य लाभार्थियों में से एक होगे. तुम्हारे देश की उत्तरी सीमा पर यह विवादित भूमि जिसके बारे में हम चर्चा कर रहे हैं वह एक विशाल गोल्डमाइन है. यह अफ़सोस की बात है कि हमारे दोनों देशों में से कोई भी इसका उचित उपयोग नहीं कर रहा है. यह एक उत्कृष्ट प्राकृतिक जलवायु के साथ एक सुंदर माहौल में भूमि का एक बड़ा हिस्सा है, हालाँकि पानी की कमी से कुछ हद तक ग्रस्त है. अब मैंने इसे कुछ अच्छे इस्तेमाल के लिए सुरक्षित करने का फैसला किया है.”

"तो क्या आप इसे हथियाने के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं?"

झिनतुन ने पुष्टि की, “हाँ, निश्चित रूप से. इससे मैं अपने लोगों में मसीहा की तरह दिखूंगा. मेरे लिए वह छवि बहुत महत्वपूर्ण है. तुम मेरे देश की बड़ी भारी जनसंख्या से अवगत हो. इन सभी को ठीक-ठाक बसाने के लिए हमारे पास पर्याप्त भूमि नहीं है. इस अधिग्रहण के साथ, मुझे हमारे लोगों के लिए अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के रूप में देखा जाएगा. मेरे लोग मेरी और भी प्रशंसा करेंगे अगर मैं जमीन के इस अतिरिक्त टुकड़े को युद्ध के माध्यम से आक्रामक तरीके से अर्जित करूँ. इसीलिए युद्ध का नाटक जरूरी है.”

झिनतुन में बिना बहके हुए आसानी से काफी शराब पीने की क्षमता थी. वह अपने विचारों को प्रकट करते हुए अपने होश में था.

"और मेरे बारे में क्या? मैं अपने देशवासियों को एक मूर्ख उल्लू की तरह दिखूंगा- एक हारा हुआ,” लोभीलाल ने पूछा.

झिनतुन ने जवाब दिया, "नहीं, सारा दोष मैं अपने सिर लूंगा. मेरी सेना चोरी-छिपे अतिक्रमण करेगी. मेरी इस आदत के बारे में सारी दुनिया जानती है. तुम्हे और तुम्हारी सेना को आश्चर्यचकित किया जाएगा. तुमने मुझे पहले बताया था कि तुम्हारी सेना के लिए उनके दूसरे दुश्मन से लड़ना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि तुम्हारे लोग हमसे ज्यादा उस दुश्मन देश से नफरत करते हैं. इसलिए हम पूरी तरह से जानते हैं कि तुम्हारी जनता और संसद में विपक्ष के नेता वहाँ ध्यान केंद्रित करने के तुम्हारे निर्णय में तुम्हारा समर्थन देंगे. तो इस तरह तुम्हारी सेना हमारी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर देगी. तुम्हे अपने सेना प्रमुख को ऐसे ही निर्देश देने होंगे. साथ ही उस जमीन पर बहुत बड़ी संख्या में नागरिक नहीं रहते हैं. परन्तु जितने भी लोग वहाँ बसते हैं, उनकी इस युद्ध में मारे जाने की आशंका है.”

लोभीलाल ने झिनतुन और स्वयं के लिए गिलासों में और व्हिस्की डाली. वह मुस्कुराया और फिर नशे में बोला, “अब मामला कुछ समझ में आने लगा है. यह क्रिकेट फिक्सिंग या मैच फिक्सिंग की तरह है जो इन दिनों क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य मनी स्पिनिंग गेम्स में काफी आम है. हैं न? तो, ठीक है, मुझे बताओ कि आपके पास इस हड़पी जाने वाली जमीन का इस्तेमाल करने के लिए किस तरह की परियोजनाएँ हैं? बिना किसी शर्मो-हया के मैं आप से पूँछ ही लेता हूँ- मेरे सेना प्रमुख और मेरा हिस्सा कितना होगा?”

झिनतुन ने आकलन किया कि उसने लोभीलाल को जेब में डाल लिया है. उसने शान्ति से बताया, “हम तुम्हारे देश से हड़पने वाली संपत्ति पर झिनतुन हाइलैंड नामक एक हाइलैंड बनाएंगे. इसकी पानी की कमी की समस्या का हल निकालने  के लिए हम हमारी बाढ़ वाली नदियों के पानी को वहाँ तक ले जाएंगे. झिनतुन हाइलैंड धन से लदे हर एक पर्यटक की हर तरह की आवश्यकता को पूरा करेगा. इसमें कसीनो, लक्जरी होटल, क्लासिक रेस्तोरां, नाइट क्लब, कैबरे, बार, दुनिया के शीर्ष श्रेणी के मनोरंजनकर्ता, मस्त लड़कियाँ, मालिश पार्लर और जो भी सोच सको ऐसा सब होगा. तुम्हारे और तुम्हारे सेना प्रमुख के पास इन सभी में पर्याप्त शेयर होंगे. लेकिन निश्चित रूप से मैं उच्चतम शेयर धारक रहूँगा.”

"वाह, क्या कहने! अब जल्दी से बता दीजिये कि आप युद्ध की शुरुवात कब करेंगे?” लोभीलाल उत्तेजित होकर पूछ पड़ा. वह झिनतुन द्वारा बताये अपने होने वाले लाभ के प्रचंड आँकड़ों को देखने के बाद पगला सा गया.

"बहुत जल्द. चिंता मत करो,” झिनतुन ने कहा. “अपने सेना प्रमुख को एक शानदार नकली प्रदर्शन के लिए तैयार रखें, जिसका तुमने पहले जिक्र किया था- हाँ, मैच फिक्सिंग. युद्ध समाप्त होने के बाद, अपनी सेना के मृत सैनिकों को सच्चा शहीद जरूर घोषित करना और उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च पुरस्कारों से पुरस्कृत करना न भूलना. इस तरह की चीज में कुछ भी खर्च नहीं होता है. लेकिन जनता के बीच सही भावनाओं को जगाने के लिए इसका सबसे बड़ा महत्व होता है.”

"सर, चिंता मत करो. मैं ऐसे हथकंडों में पहले से ही बहुत अच्छा हूँ.”

इसी बात पर झिनतुन और लोभीलाल ने कुछ असली असरदार पेय के कई और दौर चलाये. यह जश्न मनाने का समय था. उन्होंने अपनी नई दोस्ती के लिए जाम से जाम टकराने की रस्म अदा की. उसके बाद एक भव्य खाने का इंतजाम था. 

बैठक एक रंगीन कैबरे के साथ समाप्त हुई. झिनतुन को कैबरे बहुत ही पसंद आया.

समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और ऑनलाइन मीडिया ने दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच की बैठक को व्यापक कवरेज दिया. उन्होंने इसे अपनी ब्रेकिंग न्यूज में इस प्रकार बताया:

“चिनहट के प्रधान मंत्री झिनतुन और दषस्थान के प्रधान मंत्री लोभीलाल ने आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा की, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करेगी एवं उसे और गहरा करेगी. उन्होंने बड़े पैमाने पर दोनों देशों और सम्पूर्ण दुनिया में अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ लाने के लिए अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की.”

दोनों देशों के सामान्य नागरिकों ने मीडिया द्वारा प्रसारित रिपोर्ट पर पूरा भरोसा किया और उनमे बेहतर जीवन जीने के उनके आशावाद को नया उत्साह मिला.

दोनों प्रधान मंत्रियों की मीटिंग ने शेयर बाजार की भावनाओं को बहुत प्रभावित किया. अमीर लोगों ने बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में जमकर कारोबार किया और बहुत धन कमाया. आज उनका दिन था.
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